तिरंगे को नमन

तीन रंग का झंड़ा एक ये
क्यूं लगता इतना प्यारा
एसा क्या इस झंड़े में
कुर्बान देश है सारा
रंग केसरी एसा तेजोमयी
दिये एसे सैनानी
मंगल पांड़े, कभी भगतसिंह,
कभी झांसी की रानी
एक एक बूंद लहू की अपनी
दे के वीर मुस्काए,
आज़ादी की सांसें दे हमें
दी अपनी सांसें लुटाए
एसी तिरंगे की ताकत,
वारे लाखों इस पर जाएं
जब भी देश पर आए संकट
वंदेमातरम गाएं
लिये सफ़ेदी मेरा तिरंगा
शांति गीत जब गाए
भारत ही क्या,इस पर सारी
धरा कुटुंब बन जाए
लिये खुशहाली रंग हरियाली,
लहरा खेतों से से आए,
झूमझूम महक माटी की
तिरंगा दे बतलाए
हर जन,हर गण,
हर मन वंदन करे भारती गान
'वंदे मातरम ' दो शब्दों में
दमके हिंद की शान
एसा तिरंगा जादू भरा ये
जब जब है लहराता
हर बोली हर धर्म का
संगम दुनिया को दिखलाता
बंग, मराठी, उत्कल सिधी,
जो नदिया की मौजें,
कशमीर,हिमाचल,बुंदेले
सब एक धारा में सोचें
नहीं अलग हम,
जय हिंद गणतंत्रम
वेद संस्कृति संगम
एक ही धुन मे बोलें
मिल कर वंदे, वंदेमातरम....!