काव्यगगन( kavyagagan)

जब जब छलके अंतरमन,भावोंं की हो गुंजन,शब्द घटाओं से उमड़ घुमड़, रचते निर्मल ...'काव्यगगन'! यह रेणु आहूजा द्वारा लिखा गया ब्लाग है .जो कि उनकि निजि कवितओं का संग्र्ह है!it is a non profitable hobby oriented blog.containing collection of hindi poetries.

Tuesday, March 25, 2008

बैंगन (हास्य व्यंग्य कविता)


बात तब की है,
जब सुबह के पांच बजे थे
हम अभी अभी ब्रश करके हटे थे,
कि हमारी परम पूज्य माता जी ने आवाज़ लगाई


मैं एक आग्याकारिणी की भांति उनके पास चली आई

"आज बैंगन बनेंगे " ये आदेश दे कर वे चली गईं
इस आपात कालीन सूचना की खबर पाकर
हम ठगे से रह गए वहीं के वहीं

अभी हम भून ही रहे थे बैंगनों को

कि एक दर्द भरी आवाज़ आई " हमें बचा लो "

हम बैंगन नहीं , हम हैं अफ़्रीका के अशेवत

यहां आग में भूने जा रहे हैं
वहां गोलियों से भूनते हैं हमें शवेत

इंसान , इंसान के ही हाथों ख़त्म होता जा रहा है ,
विश्व आज शीत युद्ध में भस्म होता जा रहा है,
आओ लड़ें मिल कर एक अनोखी जंग
जिसका रवैया कर दे हम सबको एक रंग

यही कहते थे मेरे मासूम बैंगन.
मेरे मासूम बैंगन.

... रेणू.
(यह कविता कई गोष्ठियों में सुनी जा चुकी है, और प्रशंसित हो चुकी है, साथ ही काव्यप्रतियोगिता मे प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुकी है.)

Friday, March 21, 2008

रंग गगन गगन




रंग ले मन,



छाई उमंग,



झन झनन झनन,



खन खनन,



उड़ता गुलाल सब लाल लाल, ................सब लाल लाल............!!!






होली के रंग,



उठे मन तरंग,



गुल नार नार ,



आई बहार,



बदहाल हाल, सब लाल .....................सब लाल...............!!!!!!!!!!






भांग संग , उडता जो रंग



कभी रंग संग, कभी रंग भंग



कभी सब हैं संग



रंगे हुए सब बाल टाल, सब लाल लाल........................सब लाल !!!!!!!!!!!






कहीं चुपके रंग,



कहीं उनके संग,



कहीं अलग अलग



कहीं अलख अलख



बजे झमक झमक सुर लय की ताल..........सब लाल.............सब लाल.............!!!!!






बसंत बाद,



फ़ागुन के फ़ाग



बैसाखी साथ



त्योहार राग,



झूमे धरा, झूमे गगन,



रंगे रंगे राधा गोपाल ,..................सब लाल............सब लाल !!!!!!!






रस की फ़ुहार



ब्रज की पुकार



हर नर-नार



मन की चुभन



हुई हनन हनन ले नेह दुशाल ...............सब लाल सब लाल................!!!!!!






कोयल की कूक



हिया हूक हूक



रचे रंग रंग



बेढ़ंगढंग रंग घन-सघन



है सबका हाल...........बस लाल लाल है सबका हाल..........बस लाल !!!!!!!!!



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