काव्यगगन( kavyagagan)

जब जब छलके अंतरमन,भावोंं की हो गुंजन,शब्द घटाओं से उमड़ घुमड़, रचते निर्मल ...'काव्यगगन'! यह रेणु आहूजा द्वारा लिखा गया ब्लाग है .जो कि उनकि निजि कवितओं का संग्र्ह है!it is a non profitable hobby oriented blog.containing collection of hindi poetries.

Tuesday, September 25, 2007

चक दे इंडिया वर्ल्ड़ कप २००७




माही भज्जी यूवी जोगिन्दर


ले आए कप घर के अन्दर


जुड़ा इतिहास में नया ताज


जीत लिया फ़िर कप आज





कपिल मदन भी झूमे आज


लार्ड्स की उनको आगई याद


एसा कमाल किया गंभीर


ताने तूने जीत के तीर





जोहानसबर्ग में ट्वंटी ट्वंटी


देश भर में खुशी की घंटी


चमकी फ़िर से देश की शान


किया कमाल अब तूने पठान





वर्ल्ड कप भारत की आन


धड़का मिलकर हिन्दुस्तान


कांटे की टक्कर चाहे मिली थी


यकीं की हममें कमी नही थी





सईंयो माही झूमे जिया


चक दिये फ़ट्टे तूने ईंडिया


मिले दुआ मे करोड़ों हाथ


यही हिंद की जीत का राज़





-रेणू आहूजा

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3 Comments:

At 6:32 PM, Blogger Reetesh Gupta said...

"वर्ल्ड कप भारत की आन
धड़का मिलकर हिन्दुस्तान
कांटे की टक्कर चाहे मिली थी
यकीं की हममें कमी नही थी"

अरे वाह-वाह रेणू जी ...बहुत अच्छा लिखा है...
आपकी कविता से आपके ह्रदय की भावना बड़ी है
इसलिये आपकी कविता क्या खूब खिली है

आपको फ़िर से लिखता देखकर मन प्रसन्न हो गया
भारत की इस शानदार जीत पर आपको ढेर सारी
बधाईयाँ.....आशा है भविष्य में भी आपकी कविता का आनंद मिलता रहेगा..

 
At 3:05 PM, Blogger renu ahuja said...

शुक्रिया रीतेश जी,

हालात का तकाज़ा है,
कभी हर बात पर कलम मेहरबान
कभी लंबी खामोशी भी
कलम की ज़ुबान...!!!

बस आज काफ़ी दिनों बाद एक एसी खुशी देखने को मिली कि हर शख्स खुश नज़र आया और लेखनी बोल उठी ! हिन्दुस्तान की इस जीत की सभी को बधाई हो.
-रेणू.

 
At 2:21 AM, Blogger Reetesh Gupta said...

रेणू जी,

आपकी कविता शायद नारद पर नहीं दिख रही है

आप नारद को sunonarad@gmail.com पर email कर सूचित कर सकती हैं

 

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