स्वच्छ भारत
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जब जब छलके अंतरमन,भावोंं की हो गुंजन,शब्द घटाओं से उमड़ घुमड़, रचते निर्मल ...'काव्यगगन'! यह रेणु आहूजा द्वारा लिखा गया ब्लाग है .जो कि उनकि निजि कवितओं का संग्र्ह है!it is a non profitable hobby oriented blog.containing collection of hindi poetries.
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अभी हम भून ही रहे थे बैंगनों को
कि एक दर्द भरी आवाज़ आई " हमें बचा लो "
हम बैंगन नहीं , हम हैं अफ़्रीका के अशेवत
यहां आग में भूने जा रहे हैं
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